Sunday, October 28, 2012

Facebook aur galib

यूँ ग़ालिब साहब ने कहा मीर साहब से
 
के काश ये फेसबुक गर उस वक़्त होता
 
तो हम भी अक्ल नहीं लगाते "अमोल"
 
के कोपी पेस्ट करके नाम अपना जोडके 
 
बादशाह सलामत को फॉरवर्ड कर देते 
 
और बदले में बादशाह से इनाम ले लेते

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