एक कंडक्टर की शादी हो रही थी।
मेहमान ख़ुशी -ख़ुशी दोनों पर पुष्प वर्षा कर रहे थे।
जब दुल्हन फेरों के समय उसके पास आकर बैठी , तो वह बोला-: थोड़ा पास होकर बैठो, बीच में एक सवारी और बैठ सकती है!
मेहमान ख़ुशी -ख़ुशी दोनों पर पुष्प वर्षा कर रहे थे।
जब दुल्हन फेरों के समय उसके पास आकर बैठी , तो वह बोला-: थोड़ा पास होकर बैठो, बीच में एक सवारी और बैठ सकती है!
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