दोस्तों दिल दुखता हैं
खुदा के नाम पर
क्यूँ होता हैं
ये क़त्ल-ऐ-आम
क्या खुदा कहता हैं
करो बकरा हलाल
कौनसा मज़हब कहता
करो जीवो का क़त्ल
अपने हाथ में लगती है
खुदा के नाम पर
क्यूँ होता हैं
ये क़त्ल-ऐ-आम
क्या खुदा कहता हैं
करो बकरा हलाल
कौनसा मज़हब कहता
करो जीवो का क़त्ल
अपने हाथ में लगती है
जब जरा सी चोट
तो कितना होता हैं दर्द
तो फिर उस जीव के दर्द को
महसूस क्यूँ नहीं करते सब
तो कितना होता हैं दर्द
तो फिर उस जीव के दर्द को
महसूस क्यूँ नहीं करते सब
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