खुदखुशी करनेवालों से खुदा भी खफा हो जाता है
जिंदगी में आदमी के कभी ऐसा हादसा हो जाता है
के किसी की जुदाई में जीना भी दुश्वार हो जाता है
गुजरते वक़्त के साथ हर कोई जीना सीख जाता है
के दुनिया का मेला यूँ अविरत चलता चला जाता है
गुलशन से गुल कांटे को रोज अलविदा कह जाता है
मगर कांटा उसे भूलकर नए गुलाबों में खो जाता है
जिंदगी में आदमी के कभी ऐसा हादसा हो जाता है
के किसी की जुदाई में जीना भी दुश्वार हो जाता है
गुजरते वक़्त के साथ हर कोई जीना सीख जाता है
के दुनिया का मेला यूँ अविरत चलता चला जाता है
गुलशन से गुल कांटे को रोज अलविदा कह जाता है
मगर कांटा उसे भूलकर नए गुलाबों में खो जाता है
यूँ इश्क में जाँनिसार करनेवाले आशिकों ये ना भूलो
के खुदखुशी करनेवालों से खुदा भी खफा हो जाता है
हर गम को सहके जीने का रख हौंसला बुलंद "अमोल"
के बुलंद हौंसले वालों पे मेहरबाँ खुद खुदा हो जाता है
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